जब से कन्हैया गइलें गोकुल बिसारि दीहलें।
जब से कन्हैया गइलें गोकुल बिसारि दीहलें। आहो आहो ऊधो कवन रे जोगीनीयाँ जोगवा साघेली…
Read Moreजब से कन्हैया गइलें गोकुल बिसारि दीहलें। आहो आहो ऊधो कवन रे जोगीनीयाँ जोगवा साघेली…
Read Moreप्रेम की नाँव कुदाँव फँसी मन मोर मल्लाह सलाह कहाँ है। अवसर था जो छूट…
Read Moreहोरी-होरी कहत दिन थोरी सी बची आली लिए पुष्प डाली चलो सरयू किनार पे। मदन…
Read Moreबहार आई है झूलन की घटा छाई है सावन की। छटा आई है मवसिम की…
Read Moreआ हो सुनु सजनी पिया बिना भइलें मन थोर। दिन नाहीं चैन रैन नाहीं निंदियया…
Read Moreसून कह के गइलऽ श्याम हमरी भवनवाँ, निरमोहिया भइल ए साँवरू। तोहरो बतिया मतिया के…
Read Moreपटना से बैदा बोलाई दऽ, नजरा गइली गुईयाँ। छोटकी ननदिया बनेली सवतिनियाँ। ननदो के गवान…
Read Moreदेखो सउदा हमारे हो राजकुमार। अगरा गगरा बहुत बनाए थारी टोंटीदार। चिलम चिलमची कौन बतावे…
Read Moreबैठी विधुबदनी कृशोदरी दरी के बीच चोटिन को खींच-खींच तिरछी निहारती। कोई पानदान पिकदान लिए…
Read Moreसुन्दर सोहावन वस्तु जितने हैं जनकपुर के चौहट बाजार प्यारे तुम को दिखलाऊँ मैं। नैन…
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