बेक़रारी दिले-बीमार की अल्ला-अल्ला।
फ़र्शेगुल पर भी न आना था, न आराम आया॥

जौरे-दरबाँ की तो कुछ भी न हुई तहक़ीक़ात।
मेरे ही सर मेरी फ़रियाद का इलज़ाम आया॥

By shayar

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