पढ़े छवो शास्त्र ओ अठारहो पुरान देखे
वेदों को भी आदि से अंत तक छाना है।
तीर्थव्रत तप दान योग ध्यान ग्यान अस्नान
संध्या बंदन तर्पन का भाव सब जान है।
पढ़े शिल्प विद्या अवर ज्योतिष को भली भांति
रमल का भेद विधि पूर्वक पहिचाना है।
बैद्यक के न्यारे-न्यारे जाने हर एक अंग
नाड़ी पहचाना और नस्तर का लगाना है।
जानी है वणिज अवर व्यवहारन की रीत सभ
खोटे वअर खड़े का ग्यार उर आना है।
चाकरी के जेते सब जाने है दाँव-घात
जाना है खेत फुलवारी का जमाना है।
जाना है ढोलक मृदंग झांझ सारंगी
सहनाई सितार अ़वर तमूरे का बजाना है।
जाना है धु्रपद मल्हार देस कालिंगरा
काफी बिहाग राग सोरठ का गाना है।
जाना है बनाना रूपए अवर असरफी का
जाना है अनेक भांति कलों का घुमाना है।
इतना जिन जाना तिन खाक भी ना जाना
वो वही एक जाना जिन राम नाम जाना है।

By shayar

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