कागको कपूर अवरो मर्कट को भूषण जइसे
बहिरे को गीत जइसे गूंगे को फारसी।
मूरख को प्यार और कुबड़े को हार जइसे
हिजड़े को नार जइसे लागत अंगार सी।
काफिर को मक्का जइसे बंदर को हुक्का
जइसे पापिन को धर्म जइसे अंधे केा आरसी।
द्विज महेन्द्र कादर को समर की तैयारी
ओइसे दुष्ट आगे रामनाम लागत अंगार सी।

By shayar

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