मोरा भोला अड़भंगी कहाँ विलमे।
भंग धतूर कपूर चढ़इहों आन बसो तू हमारे दिल में।
काम क्रोध मद लोभ सतावत माया लोभावत छन-छन में।
द्विज महेन्द्र अब आस लगी है अवढरदानी सभ देवन में।
मोरा भोला अड़भंगी कहाँ बिल में।

By shayar

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