अजिर बिहारी चारों भइया हो रामा खेलत अंगनवाँ।
रून झुन रून झुन बाजत पैजनियाँ
पुलकित राजीव नयनवाँ हो रामा खेलत अंगनवाँ।
अंगुरी धरि-धरि सबहीं नचावत
छम-छम बाजेला कंगनवाँ हो रामा खेलत अंगनवाँ।
कहत महेन्द्र इहो रूप सोहवन
बसि गइलें हमरो नयनवाँ हो रामा खेलत अंगनवाँ।