राजा के कुमार सभ तो निपट सुकुमार दोऊ
आज लौं न देखे सोई आज देखलाऊ मैं।
चम्पा की चमक चारू चंदन गुलजार करे
गेंदा गम्भीर गमल मालती सुँघाऊ मैं।
बेली हो बेली जूही केतकी कमाल करे,
गावत गंधर्व गीत तान को सुनाऊँ मैं।
द्विज महेन्द्र रामचन्द्र चलो जी हमारे संग,
मालिन की मीठी-मीठी बैन भी सुनाऊँ मैं।