हमसे सहलो ना जाला ई जुदाई ऊधो जी। हमसे।
रहि-रहि मन करे फँसरी लगइतीं गरे।
जाके जमुना में डूबी-धँसी जाईं ऊधो जी।
मथुरा में बसी गइलें कुबिजा से फँसि गइलें
कुबजा कवन जादू दिहली चलाई ऊधो जी।
कवन अइसन रस पवलन चीनी छोड़ मीठा खइलन
महेन्द्र खूबे दिहलन कन्हाई ऊधो जी।

By shayar

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