ताप तत्त्व निधि ईश की वर्ष ईस्वी जान।
मास भूमि तिथि मास मृत्यु परी अति विपति हुलांन।। 1
बड़ी विपति में पड़ा हुलांन।
हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। टेक।।
छप्पय-कबहुँ हुलांन अस विपति न पाई।
नहिं इतिहास ने दीन्ह गवाही।।
अवशहिं ईश्वर होय सहाई।
और करै कल्यान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 1
सब कोई विनय करहुँ ईश्वर से।
यह दुख टरै हुलांन के सिर से ।।
धन जन सुख पूरन हों फिर से।
औरहु बरसै रहमत शान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 2
सन् उनइस सौ तिरपन्ना।
तिथि उनतिस जनवरी महीना।।
लग्यो ग्रहण गुरुवार चन्द्रैना।
देखी रब की शान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 3
देखा चंद्र ग्रहण सब जग में।
बड़े बडे़ पंडित रहे यूरुप में।।
नहिं जाना फल चंद्रग्रहण में।
नहिं कछु कीन्ह बयान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 4
शनिश्चर समय रात्रि को आयो।
चली आंधी सागरहिं जगायो।।
जल ऊपर जलयान हिलायो।
सिंधु जोश लख हुए हैरान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 5
उठीं लहर सागर महं भारीं।
थापै जबर बाँध में मारीं।।
लख कर डरे नगर नर नारीं।
बहु पानी उफलांन, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 6
सिंधु धार ने जोर लगायो।
बुद्धिमानों का जिय घबरायो।
अक्ल हुनर कछु काम न आयो।
तोड़ दीन्ह पक्का बंधान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 7
चली धार मार कर हल्ला।
दीन्ह बहाय शहर का गल्ला।।
डूबे गाँव अरु गली मुहल्ला।
गिर गए महल बने आलीशान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 8
कठिन कराल सिंधु की धारा
भर गया पानी देश झंझारा।।
विधि कर लिखा को मेटन हारा।
कर दिए पल में नाश किसान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 9
विनती करहुँ दुहूँ कर जोरी।
क्षमियो नाथ पाप हम धोरी।।
पड़ा हुलांन शरन अब तोरी।
कर सहाय तू है रहमान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 10
देखी विपति शीश पर आई।
नर नारी बालक घबराई।।
छाती पीटें अरु चिल्लाई।
कहें बचाय लेहु भगवान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 11
कोई सोवै कोइ जागत रहई।
गली घाट कोइ आवत जाई।।
सब को जल ने दीन्ह बहाई।
नहीं कोई चीन्हें आप बिरान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 12
सब खेती जल दीन्ह डुबाई।
पशु पक्षी छिन मात्र बिलाई।।
कोई विधि से नहीं होय सहाई।
मर मर कर लाशें उतरान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 13
लाशें लहर किनारे कीन्हीं।
कछु चीन्हीं कुछ जाँय न चीन्हीं।।
जौन मिलीं मिट्टी दै दीन्हीं
साढे़ तेरह सौ परमान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 14
जहाज रहे वहं लंगर डाले।
डगममग डगमग करें बिचारे।।
तोड़ दीन्ह तूफान ने सारे।
नाश भए भारी जलयान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 15
कोई तरुवर कोइ घर पर चढ़ गए।
कोइ कोई निज भुइं धरा में चल गए।।
बड़े पैरैय्या धार में पड़ गए।
भूल गए सारे अवसान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 16
बड़ी विपत्ती का पड़ा सामना।
कोइ अक्कल कुछ करै काम ना।।
दीन्ह खबर चहुं ओर तार मा।
सुनकर रोया सकल जहान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 17
पाय खबर अमेरिका आयो।
सुन जर्मन इंगलेंडहु धायो।।
सबै पड़ोसी दौड़न आयो।
कीन्ह सहाय दीन्ह वायुयान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 18
उडे़ मशीन आकाश के माहीं।
पकडे़ जन जहं पर मिल जाहीं।।
चहै तरुवर चहै जल पर काहीं।
दुइ सौ चवालिस उड़े वायुयान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 19
जल ऊपर जलयानहु धावें।
जिंदा या मुर्दा मिल जावें।।
तुरत हिं पकड़ जहाज चढ़ावें।
दुइ सहस्र घूमें जलयान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 20
घटना बहुत भईं जग माहीं।
अस विपदा कोई झेली नाहीं।।
जस हुलांन के सिर पर आहीं।
नहिं देखी नहिं सुनी है कान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 21
हुलांन की मिलकर करहुँ सहाई।
अन्न धन वस्तर जो ह्वै जाई।।
दीन दुखी को दो पहुँचाई।
सब से बड़ा यही महादान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 22
सब मुल्कन से धन बहु आयो।
कोई अन्न कोई वस्तर भिजवायो।।
क्वीन युलियाना को समुझायो।
मत घबड़ा रक्षक भगवान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 23
हमहूं संग क्वीन का देवें।
उनकी विपदा हम सह लेवें।।
उन पर तन धन जी दै देवें।
हैं शामिल अब्दुल रहमान, हाय ! अजगैबी चढ़ा तुफान।। 24
है ईश्वर से विनती मोरी।
क्वीन प