झूमर (भादुरिया)
देव देवी हरषित नाचे अपसरिया
बरसावे, सभीं फुलवा के झरिया
कि बरसावे
ब्रजपुरें गोप-गोपी आनन्दें भरिया
दही घोरी, सभीं खेले पिचकरिया
कि दही घोरी
दही सें पिछरी भेल, गोकुल नगरिया
दौड़ैतें खसै कते जे सुन्दरिया
कि दौड़बैतें
भवप्रीता कहै हरि। ने जाय्ह बिसरिया
भौव सागर तीरें, दिहा पद-तरिया
कि भौव सागर।