झूमर (भादुरिया)

तेजी गेला यदुपतिया
गे सजनि! सजन
तब सेंही दिन लागे यहाँ घोर रतिया
गे सजनि
केसे भूलव हम मााव पीरितिया
गे सजनी…
हियरा समाये गेले श्यामली सुरतिया
गे सजनि…
लोरा कजरा कारी कानी नखा सतिया
गे सजनि…
लिखबे अँचरा चीरी पिया प्रेम पतिया
गे सजनि…
ने सुहाबे धन जन जीवन धरतिया
गे सजनि…
भवप्रीता हृदे साजे युगल मूरतिया
गे सजनि…
भवप्रीता…।

By shayar

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