आया, आया, आया नल,
भर लो, भर लो! भर लो जल।
कान नदी का काटा इसने,
दिया ताल को घाटा इसने,
और कुओं को पाटा इसने,
ओहो यह है बड़ा प्रबल।
भर लो ,भर लो , भर लो जल।
यहाँ मगर का नाम नहीं है,
कछुओं का कुछ काम नहीं है,
तेज हवा या घाम नहीं है,
केवल जल है जल केवल,
कैद हो गया क्या बादल?

By shayar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *