शब-ए-ग़म ऐ मेरे अल्लाह बसर भी होगी|
रात ही रात रहेगी के सहर भी होगी|

मैं ये सुनता हूँ के वो दुनिया की ख़बर रखते हैं,
जो ये सच है तो उंहें मेरी ख़बर भी होगी|

चैन मिलने से है उन के न जुदा रहने से,
आख़िर ऐ इश्क़ किसी तरह बसर भी होगी|

By shayar

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