ग़फ़लत में सोनेवालों की मैं नींद उड़ाने आया हूँ।
दुनिया को जगा कर छोड़ूँगा, दुनिया को जगाने आया हूँ॥
जो नाक़िस है वो दस्तूरे-तदबीर मिटाने आया हूँ।
इन्सान के शायाँ आईने-तक़दीर बनाने आया हूँ॥
मैं सोज़े-वफ़ा का दुनिया को पैग़ाम सुनाने आया हूँ।
जो आग लगे तो बुझ न सके वो आग लगाने आया हूँ॥