देखोरी मेरो गोपाल धरो है नवीन नट की साज!
रुनक झुनक नुपूर बाजे उनके चरणों पर आज (देखो सब)
लचक लचक चलते मोहन नचत मुकुट शीश उन सन
गोप गोपीन सब आनन्द मगन चाँद पारत लाज (देखो सब)
सुन्दर मोहन रूप नेहारी चाँद पारत लाज
निर्मल नील अम्बर और छन छन अमिया सागर
कौन बचो है कृष्ण कुँवर गिरधर नटराज
नाचत जत तिन लोक बिसरत काज।।