मगध जननी
(तर्ज झूमाड़)

सुन्दर बसुधा
मगध जननी
(मोर) जलमधरनी
जहां सुख देहे प्रकृति दिवस रजनी ॥1॥

उत्तम धरनी
मनोहरनी
बनी माधवनी
से हो लाजे लजाय लखे अवनी ॥2॥

By shayar

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