हर सू दिखाई देते हैं वो जलवागर मुझे

क्या-क्या फरेब देती है मेरी नज़र मुझे

डाला है बेखुदी ने अजब राह पर मुझे

आँखें हैं और कुछ नहीं आता नज़र मुझे

दिल ले के मेरा देते हो दाग़-ए-जिगर मुझे

ये बात भूलने की नहीं उम्र भर मुझे

आया ना रास नाला-ए-दिल का असर मुझे

अब तुम मिले तो कुछ नहीं अपनी ख़बर मुझे

By shayar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *