हुआ सवेरा, मुर्गा बोला,
घर से चला टहलने भोला!
मिला राह में उसको भालू,
लगा माँगने रोटी-आलू!
आलू बिकने गया हाट में,
भालू सोने लगा खाट में!
टूटी खाट, गिर पड़ा भालू,
अब न चाहिए रोटी-आलू!

By shayar

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