तरीका अब निराला अपनी सेवा का दिखाएँगे,
युगल सरकार की तस्वीर आँखों में खिचाएँगे।
जमाकर लालसा गद्दी, लगाकर भाव का तकिया,
जगाकर ज्योति जप की मन के अंदर में बिठाएँगे।
मनोहर छंद तागे में सुमन शब्दों के गूंथेंगे,
बसकर इत्र रस का काव्य की माला पिन्हाएँगे।
जलाकर आरती अनुराग में कर्पूर कर्मों का,
पुजारी प्रेम के द्वारा उचित पूजन कराएँगे।
गिराकर ‘बिन्दु’ आँखों से बहा देंगे नदी गंगा,
तुम्हें नहलाकर इसमें हम गोते लगाएँगे।
तरीका अब निराला अपनी सेवा का दिखाएँगे,
युगल सरकार की तस्वीर आँखों में खिचाएँगे।
जमाकर लालसा गद्दी, लगाकर भाव का तकिया,
जगाकर ज्योति जप की मन के अंदर में बिठाएँगे।
मनोहर छंद तागे में सुमन शब्दों के गूंथेंगे,
बसकर इत्र रस का काव्य की माला पिन्हाएँगे।
जलाकर आरती अनुराग में कर्पूर कर्मों का,
पुजारी प्रेम के द्वारा उचित पूजन कराएँगे।
गिराकर ‘बिन्दु’ आँखों से बहा देंगे नदी गंगा,
तुम्हें नहलाकर इसमें हम गोते लगाएँगे।