श्याम सुंदर को बस एक नज़र देख ले,
मोहनी मूरत का कुछ तो असर देख ले।
श्री अवध में मिलें चाहे व्रज में मिलें,
या इधर देख ले या उधर देख ले॥
या किसी भाव से नाम से रूप से,
बहाना हो कोई पर उनका घर देख ले।
तार सकते हैं मुझ सा अधम या नहीं,
देख उनकी हिम्मत और जिगर देख ले।
सिन्धु आनंद का जिसे कहते हैं सब,
हम हों खुश गर उसे ‘बिन्दु’ भर देख ले॥

By shayar

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