मैं सजी संवरी रहूँगी
यू ही दहलीज मैं बैठी रहूँगी
उन्होंने वादा किया है आने का
मैं भी  उनका इंतजार करूँगी

बालो मैं नित संदली गजरे लगाउंगी
काजल से ये अंखिया सजाऊंगी
रंगीन कपड़ो में उनकी पसंद का रंग पहनुगी
जब तक ना आये वो दिया यू ही जलाकर रखूंगी
उन्होंने वादा किया है आने का
मैं भी  उनका इंतजार करूँगी

हलवे मैं बादाम थोड़े ज्यादा डालूंगी
सब्जी भी कुछ तीखी बना लुंगी
खुद से परखकर स्वाद चखकर ही दम लुंगी
रसोई की खिड़की से आंखे दरवाजे पर ही रखूंगी
उन्होंने वादा किया है आने का
मैं भी  उनका इंतजार करूँगी

ताजे फूलो से गुलदान सजाना है
चोखट पे रंगोली भी बनानी है
रंगोली मैं नाचते मोर दिखाउंगी
बिन बादल का सावन  दुनियॉ को दिखाउंगी
उन्होंने वादा किया है आने का
मैं भी  उनका इंतजार करूँगी

By shayar

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