(1)
जिन्दगी कशमकशे-इश्क के आगाज का नाम,
मौत अंजाम है इसी दर्द के अफसाने का।

(2)
जिस गम से दिल को राहत हो, उस गम का मुदावा क्या मानी?
जब फितरत तूफानी ठहरी, साहिल की तमन्ना क्या मानी?

(3)
तसन्नो की फुसूंकारी का कुछ ऐसा असर देखा,
कि यह दुनिया मुझे दुनियानुमां मालूम होती हैं।

(4)
न आने दिया राह पर रहबरों ने,
किये लाख मंजिल ने हमको इशारे।

(5)
किसका कुर्ब,कहाँ की दूरी, अपने आप में गाफिल हैं,
राज अगर पाने का पूछो, खो जाना ही पाना है।

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