तेरी दोस्ती पै मेरा यकीं, मुझे याद है मेरे हमनशीं
मेरी दोस्ती पै तेरा ग़ुमाँ, तुझे याद हो कि न याद हो
वह जो शाख़े-गुल पै था आशियां जो था वज्ह-ए-नाज़िश-ए-गुलसिताँ
गिरी जिसपै बर्के-शरर-फ़िशाँ तुझे याद हो कि न याद हो
मेरे दिल के जज़्बए-गर्म में मेरे दिल के गोशए नर्म में
था तेरा मुक़ाम कहाँ-कहाँ तुझे याद हो कि न याद हो