चला आ रहा है चला आ रहा है
चला आ रहा है चला आ रहा है ।

        धड़कते दिलों की सदा आ रही है
        अँधेरे में आवाज़े पा आ रही है
        बुलाता है कोई निदा आ रही है ।

चला आ रहा है चला आ रहा है
चला आ रहा है चला आ रहा है ।

        न सुलतानी-ए-तीरगी है न जारी
        न तख़्ते सुलेमाँ न सरमायादारी
       ग़रीबों की चीख़ें न शाही सवारी ।

चला आ रहा है चला आ रहा है
चला आ रहा है चला आ रहा है ।

        उड़ाता हुआ परचमे ज़िंदगानी
        सुनाता हुआ एहदे नौ की कहानी
        जिलू में ज़फ़रमन्दियाँ शादमानी

चला आ रहा है चला आ रहा है
चला आ रहा है चला आ रहा है ।

        सफीना मसावात का खे रहा है
        जवानों से कुर्बानियाँ ले रहा है
        ग़ुलामों को आज़ादियाँ दे रहा है ।

चला आ रहा है चला आ रहा है
चला आ रहा है चला आ रहा है ।

By shayar

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