आओ, प्यारे तारो आओ तुम्हें झुलाऊँगी झूले में, तुम्हें सुलाऊँगी फूलों में, तुम जुगनू से उड़कर आओ, मेरे आँगन को चमकाओ। Post navigation कोयल शबे-फ़ुर्कत थे फ़क़त दो ही सहारे मुझ को