मातृ चेतना
तुम ज्योति प्रीति की रजत मेघ भरती आभा स्मिति मानस में चेतना रश्मि तुम बरसातीं…
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Read Moreश्री अरविन्द सभक्ति प्रणाम! स्वर्मानस के ज्योतित सरसिज, दिव्य जगत जीवन के वर द्विज चिदानंद…
Read Moreदिव्यानने, दिव्य मने भव जीवन पूर्ण बने! दिव्यानने! आभा सर लोचन वर स्नेह सुधा सागर!…
Read Moreयहाँ तो झरते निर्झर, स्वर्ण किरणों के निर्झर, स्वर्ग सुषमा के निर्झर निस्तल हृदय गुहा…
Read Moreसरोवर जल में स्वर्ण किरण रे आज पड़ी वलित चरण! अतल से हँसी उमड़ कर…
Read Moreबज पायल छम छम छम! उर की कंपन में निर्मम बज पायल छम छम छम!…
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