मुरव्वत का पास और वफ़ा का लिहाज़
मुरव्वत का पास और वफ़ा का लिहाज़ करे आश्ना आश्ना का लिहाज़ दम-ए-सजदा सर सख़्त…
Read Moreमुरव्वत का पास और वफ़ा का लिहाज़ करे आश्ना आश्ना का लिहाज़ दम-ए-सजदा सर सख़्त…
Read Moreलूटा है मुझे उस की हर अदा ने अंदाज़ ने नाज़ ने हया ने दोनों…
Read Moreकिसी तरह दिन तो कट रहे हैं फ़रेब-ए-उम्मीद खा रहा हूँ हज़ार-हा नक़्श आरज़ू के…
Read Moreलगाओ न जब दिल तो फिर क्यूँ लगावट नहीं मुझ को भाती तुम्हारी बनावट पड़ा…
Read Moreकिसी सूरत से उस महफ़िल में जा कर मुक़द्दर हम भी देखें आज़मा कर तग़ाफ़ुल-केश…
Read Moreकिस नाम-ए-मुबारक ने मज़ा मुँह को दिया है क्यूँ लब पे मेरे ज़मज़म-ए-सल्ल-ए-अला है किस…
Read Moreकहते हो अब मेरे मज़लूम पे बे-दाद न हो सितम-ईजाद हो फिर क्यूँ सितम ईजाद…
Read Moreजो तुझ से शोर-ए-तबस्सुम ज़रा कमी होगी हमारे ज़ख़्म-ए-जिगर की बड़ी हँसी होगी रहा न…
Read Moreदिल के कहने पे चलूँ अक़्ल का कहना न करूँ मैं इसी सोच में हूँ…
Read Moreदेखना वो गिर्या-ए-हसरत मआल आ ही गया बेकसी में कोई तो पुरसान ए हाल आ…
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