शौक़ ने इशरत का सामाँ कर दिया
शौक़ ने इशरत का सामाँ कर दिया दिल को महव-ए-रू-ए-जानाँ कर दिया तू ने ऐ…
Read Moreशौक़ ने इशरत का सामाँ कर दिया दिल को महव-ए-रू-ए-जानाँ कर दिया तू ने ऐ…
Read Moreशौक़ फिर कूचा-ए-जानाँ का सताता है मुझे मैं कहाँ जाता हूँ कोई लिए जाता है…
Read Moreशौक़ देता है मुझे पैग़ाम-ए-इश्क़ हाथ में लब-रेज़ ले कर जाम-ए-इश्क़ आप हूँ ज़ौक़-ए-असीरी से…
Read Moreसंग-ए-तिफ़्लाँ फ़िदा-ए-सर न हुआ आज उस कूचे में गुज़र न हुआ हम भी थे जौहर-ए-गिराँ-माया…
Read Moreशर्मिंदा किया जौहर-ए-बालिग़-नज़री ने इस जिन्स को बाज़ार में पूछा न किसी ने सद शुक्र…
Read Moreपैमान-ए-वफ़ा-ए-यार हैं हम यानी ना-पाएदार हैं हम ख़ाक-ए-सर-ए-रह-गुज़ार हैं हम पामाल-ए-जफ़ा-ए-यार हैं हम नौमीदी ओ…
Read Moreपोशीदा देखती है किसी की नज़र मुझे देख ऐ निगाह-ए-शौक तू रूसवा न कर मुझे…
Read Moreनहीं मुमकिन लब-ए-आशिक़ से हर्फ़-ए-मुद्दआ निकले जिसे तुम ने किया ख़ामोश उस से क्या सदा…
Read Moreनहीं के इश्क़ नहीं है गुल ओ सुमन से मुझे दिल-ए-फ़सुर्दा लिए जाता है चमन…
Read Moreनालों से अगर मैं ने कभी काम लिया है ख़ुद ही असर-ए-नाला से दिल थाम…
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