आता हूँ जब उस गली से सौ सौ ख़्वारी खींच कर
आता हूँ जब उस गली से सौ सौ ख़्वारी खींच कर फिर वहीं ले जाए…
Read Moreआता हूँ जब उस गली से सौ सौ ख़्वारी खींच कर फिर वहीं ले जाए…
Read Moreआश्ना कब हो है ये ज़िक्र दिल-ए-शाद के साथ लब को निस्बत है मिर ज़मज़म-ए-दाद…
Read Moreजान उस की अदाओं पर निकलती ही रहेगी ये छेड़ जो चलती है सो चलती…
Read Moreज़मीं रोई हमारे हाल पर और आसमाँ रोया हमारी बे-कसी को देख कर सारा जहाँ…
Read Moreयहाँ हर आने वाला बन के इबरत का निशाँ आया गया ज़ेर-ए-ज़मीं जो कोई ज़ेर-ए-आसमाँ…
Read Moreवफ़ा-ए-दोस्ताँ कैसी जफ़ा-ए-दुश्मनाँ कैसी न पूछा हो किसी ने जिस को उस की दास्ताँ कैसी…
Read Moreतू है और ऐश है और अंजुमन-आराई है मैं हूँ और रंज है और गोशा-ए-तन्हाई…
Read Moreतीर-ए-नज़र ने ज़ुल्म को एहसाँ बना दिया तरकीब-ए-दिल ने दर्द को दरमाँ बना दिया सद…
Read Moreतल्ख़ी-कश-ए-नौमीदि-ए-दीदार बहुत हैं उस नर्गिस-ए-बीमार के बीमार बहुत हैं आलम पे है छाया हुआ इक…
Read Moreसुरूर-अफ़ज़ा हुई आख़िर शराब आहिस्ता आहिस्ता हुआ वो बज़्म-ए-मय में बे-हिजाब आहिस्ता आहिस्ता रूख़-ए-रौशन से…
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