यार इब्तिदा-ए-इश्क़ से बेज़ार ही रहा
यार इब्तिदा-ए-इश्क़ से बेज़ार ही रहा बे-दर्द दिल के दर पिए आज़ार ही रहा जिस…
Read Moreयार इब्तिदा-ए-इश्क़ से बेज़ार ही रहा बे-दर्द दिल के दर पिए आज़ार ही रहा जिस…
Read Moreसीना तो ढूँड लिया मुत्तसिल अपना हम ने नहीं मालूम दिया किस को दिल अपना…
Read Moreकरे आशिक पे वो बेदाद जितना उस का जी चाहे रखे दिल को मिरे ना-शाद…
Read Moreकब तलक हम को न आवेगा नज़र देखें तो कैसे तरसाता है ये दीदा-ए-तर देखें…
Read Moreइश्क़ में गुल के जो नालाँ बुलबुल-ए-ग़म-नाक है गुल भी उस के ग़म में देखो…
Read Moreहम आप को तो इश्क़ में बर्बाद करेंगे तासीर-ए-वफ़ा पर तुझे क्या याद करेंगे याँ…
Read Moreचाहे सो हमें कर तू गुनह-गार हैं तेरे तक़दीर थी अपनी कि गिरफ़्तार हैं तेरे…
Read Moreहै याद तुझ से मेरा वो शरह-ए-हाल देना और सुन के तेरा उस को हँस…
Read Moreअज़ीज़ों तुम न कुछ उस को कहो हुआ सो हुआ निपट ही तुंद है ज़ालिम…
Read Moreअब तुझ से फिरा ये दिल-ए-काम हमारा इस कूचे में कम ही रहेगा काम हमारा…
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