Ramdhari Singh Dinkar खिलनमर्ग shayar February 25, 2020 0Comment यह शिखर नगराज का है, दूर है भूतल, निकट बैकुंठ है। जोर से मत बोल,… Read More
Ramdhari Singh Dinkar तरु shayar February 25, 2020 0Comment तरु से तरु तक रज्जु बाँध कर, वातायन से वातायन तक बाँध कुसुम के हार,… Read More
Ramdhari Singh Dinkar कल्पना shayar February 25, 2020 0Comment आत्मा की है आँख, बुद्धि की पाँख है, मानस की चाँदनी विमल है कल्पना। Read More
Ramdhari Singh Dinkar पुस्तक shayar February 25, 2020 0Comment पुस्तक है वह वाटिका सुगन्धों से पूरित, हम जिसे जेब में लिए घूमते-फिरते हैं। Read More
Ramdhari Singh Dinkar फूल shayar February 25, 2020 0Comment चिंताओं से भरा हुआ जीवन वह भी किस काम का, विरम सके दो घड़ी नहीं… Read More
Ramdhari Singh Dinkar आलोचक shayar February 25, 2020 0Comment (१) रचना में क्या-क्या गुण होने चाहिए, कूद-फाँदकर भी तुम नहीं बताते हो। पर, रचना… Read More
Ramdhari Singh Dinkar प्रतिभा shayar February 25, 2020 0Comment कैसे समझोगे कि कौन प्रतिभाशाली है? प्रतिभा के लक्षण अनेक हैं, किन्तु, कभी जब सभी… Read More
Ramdhari Singh Dinkar प्रतिभा shayar February 25, 2020 0Comment कैसे समझोगे कि कौन प्रतिभाशाली है? प्रतिभा के लक्षण अनेक हैं, किन्तु, कभी जब सभी… Read More
Ramdhari Singh Dinkar जवानी और बुढ़ापा shayar February 25, 2020 0Comment (१) जो जवानी में नहीं रोया, उसे बर्बर कहो, जो बुढ़ापे में न हँसता है,… Read More
Ramdhari Singh Dinkar जवानी और बुढ़ापा shayar February 25, 2020 0Comment (१) जो जवानी में नहीं रोया, उसे बर्बर कहो, जो बुढ़ापे में न हँसता है,… Read More