संकट
(१) भीरु पूर्व से ही डरता है, कायर भय आने पर, किन्तु, साहसी डरता भय…
Read Moreविश्व में दुःशान्ति यह क्यों छा रही है? आग पर क्यों आग लगती जा रही…
Read Moreदेख रहे हो जो कुछ उसमें भी सब का मत विश्वास करो, सुनी हुई बातें…
Read Moreमेल बैठता नहीं सदा दर्शन-जीवन का। कहते हैं, आलस्य बड़ा भारी दुर्गुण है। किन्तु, आलसी…
Read Moreसबके प्रति सौजन्य और बहुतों से रक्खो राम-सलाम, मेलजोल थोड़े लोगों से, मैत्री किसी एक…
Read More(१) जीवन उनके लिए मधुरता की उज्जवल रसधार है, जिनकी आत्मा निष्कलंक है और किसी…
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