चुनिंदा शे’र
इश्क ही सअ़ई मेरी, इश्क ही हासिल मेरा यही मंज़िल है, यही जाद-ए-मंज़िल मेरा। दैर-ओ-हरम…
Read Moreइश्क ही सअ़ई मेरी, इश्क ही हासिल मेरा यही मंज़िल है, यही जाद-ए-मंज़िल मेरा। दैर-ओ-हरम…
Read Moreतर्के-मुद्दआ कर दे ऐने-मुद्दआ हो जा। शाने-अबद पैदा कर मज़हरे-ख़ुदा हो जा॥ उसकी राह में…
Read Moreफ़ित्ना-सामानियों की ख़ू न करे। मुख़्तसर यह कि आरज़ू न करे॥ पहले हस्ती की है…
Read Moreबिस्तर-ए-ख़ाक पे बैठा हूँ , न मस्ती है न होश ज़र्रे सब साकित ओ सामत…
Read Moreइक आलम-ए-हैरत है, फ़ना है न बक़ा है हैरत भी ये है कि, क्या जानिए…
Read Moreमौजों का अक्स है, ख़त-ए-जाम-ए-शराब में या ख़ून उछल रहा है, रग-ए-माहताब में वो मौत…
Read Moreपास-ए-अदब में जोश-ए-तमन्ना लिये हुए मैं भी हूँ एक हुबाब में दरिया लिये हुए रग-रग…
Read Moreये इश्क़ ने देखा है, ये अक़्ल से पिन्हाँ है क़तरे में समन्दर है, ज़र्रे…
Read Moreखुदा जाने कहाँ है ‘असग़र’-ए- दीवाना बरसों से कि उस को ढूँढते हैं काबा-ओ-बुतखाना बरसों…
Read Moreये मुझ से पूछिए क्या जूस्तजू में लज़्ज़त है फ़ज़ा-ए-दहर में तहलियल हो गया हूँ…
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