गर्मी के मजे
गर्मी के हैं मजे निराले, लगे पाठशालों में ताले। नहीं गुरूजी का अब डर है,…
Read Moreगर्मी के हैं मजे निराले, लगे पाठशालों में ताले। नहीं गुरूजी का अब डर है,…
Read Moreबाबू बनकर मुन्नी बैठी, ऐनक लगा शान में ऐंठी। गुड़िया को झट लगी पढ़ाने, रोब…
Read Moreबिल में बैठे चूहे चार, चुपके चुपके करें विचार। बाहर आएँ जाएँ कैसे? अपनी जान…
Read Moreबिल में बैठे चूहे चार, चुपके चुपके करें विचार। बाहर आएँ जाएँ कैसे? अपनी जान…
Read Moreएक चीन का सौदागर था, बहुत बड़ी थी उसकी चोटी उसे लपेट लपेट कमर पर,…
Read Moreएक चीन का सौदागर था, बहुत बड़ी थी उसकी चोटी उसे लपेट लपेट कमर पर,…
Read Moreनानी का संदूक निराला, हुआ धुएँ से बेहद काला। पीछे से वह खुल जाता है,…
Read Moreएक साथ जन्मे हम दोनों, मैं औ मेरा भाई। किन्तु शकल सूरत मिलने से, बेहद…
Read More