रोटी-आलू!
हुआ सवेरा, मुर्गा बोला, घर से चला टहलने भोला! मिला राह में उसको भालू, लगा…
Read Moreमेरे कमरे में सूरज की, एक किरण नित आती है। जिसको पाती पास उसी पर,…
Read Moreसड़क के कायदे सड़क बनी है लम्बी चौड़ी उस पर जाये मोटर दौड़ी सब लड़के…
Read Moreये बाबूजी की पुस्तक हैं इनको यहाँ कौन लाया कहकर अम्मा ने बच्चों को नकली…
Read Moreमुन्नी अभी बहुत छोटी है खाती एक कौर रोटी है छोटा अच्छर कैसे आवे राह…
Read Moreयह कागज की नाव हमारी, यह टब बना समुंदर भारी। मुन्नी चुन्नी चम्पा भोला, मोहन…
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