व्याकुल चाह
सोया था संयोग उसे किस लिए जगाने आए हो? क्या मेरे अधीर यौवन की प्यास…
Read Moreसोया था संयोग उसे किस लिए जगाने आए हो? क्या मेरे अधीर यौवन की प्यास…
Read Moreआ रही हिमालय से पुकार है उदधि गरजता बार बार प्राची पश्चिम भू नभ अपार;…
Read Moreतू गरजा, गरज भयंकर थी, कुछ नहीं सुनाई देता था। घनघोर घटाएं काली थीं, पथ…
Read Moreबहिन आज फूली समाती न मन में। तड़ित आज फूली समाती न घन में।। घटा…
Read Moreभैया कृष्ण ! भेजती हूँ मैं राखी अपनी, यह लो आज। कई बार जिसको भेजा…
Read Moreयह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत। स्वयं बिखरनेवाली इसकी, पँखड़ियाँ बिखराना मत॥…
Read Moreयह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया…
Read Moreमेरे भोले सरल हृदय ने कभी न इस पर किया विचार- विधि ने लिखी भाल…
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