जहाने-ताज़ा की अफ़कारे-ताज़ा से है नमूद
जहाने-ताज़ा की अफ़कारे-ताज़ा से है नमूद कि संगो-ख़िश्त से होते नहीं जहाँ पैदा ख़ुदी में…
Read Moreजहाने-ताज़ा की अफ़कारे-ताज़ा से है नमूद कि संगो-ख़िश्त से होते नहीं जहाँ पैदा ख़ुदी में…
Read Moreबच्चा-ए-शाहीं से कहता था उक़ाबे-साल -ख़ुर्द ऐ तिरे शहपर पे आसाँ रिफ़अते- चर्ख़े-बरीं है शबाब…
Read Moreअक़्ल ने एक दिन ये दिल से कहा भूले-भटके की रहनुमा हूँ मैं दिल ने…
Read Moreहै कलेजा फ़िगार होने को दामने-लालाज़ार होने को इश्क़ वो चीज़ है कि जिसमें क़रार…
Read Moreपरीशाँ होके मेरी खाक आखिर दिल न बन जाये जो मुश्किल अब हे या रब…
Read Moreसख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं हाय क्या अच्छी कही ज़ालिम…
Read Moreउक़ाबी शान से झपटे थे जो बे-बालो-पर। निकले सितारे शाम को ख़ूने-फ़लक़ में डूबकर निकले…
Read Moreअगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा मुझे फ़िक्र-ए-जहाँ क्यूँ हो जहाँ तेरा…
Read Moreअसर करे न करे सुन तो ले मेरी फ़रियाद नहीं है दाद का तालिब ये…
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