लाल तुम भाजत हो क्यों आज ॥
लाल तुम भाजत हो क्यों आज ॥ खेलि लेहु फगुआ अब मोसे तजि सब डर…
Read Moreलाल तुम भाजत हो क्यों आज ॥ खेलि लेहु फगुआ अब मोसे तजि सब डर…
Read Moreधन्य हमारी माता जग में………धन्यo ॥ तुअ महिमा नहिं बरनि सकत कोउ सुर मुनि शेष…
Read Moreआजु भलो बनि आयो लाल ॥ अंजन अधर पीक पलकन में, सोहत जावक सुन्दर भाल…
Read Moreसहिहो न एती ढिठाई ( लाल तेरी ) ॥ कहि कहि हारि गई सब गोपी,…
Read Moreजाचन कतहू न जैये प्यारे । हाथ पसारत कुल गुन गौरव, ता छन अपन गमैये…
Read Moreसियावर जाते वन को । फकीरी वेश बना तन को ॥ शीस जटा सोहे भली,…
Read Moreप्रीतम जुनि जाऊ परदेश । ई हेमन्त में एकसर गेने पाएब परम कलेश ॥ शीत…
Read Moreजागू जागू हो ब्रजराज । निशि पति मेला मलिन देखि निशि त्यागल अम्बर लाज ॥…
Read Moreचुम्बक युगल बीच मानो लोह फसिगो सूखी वढ़ी लकड़ी विन पातन सरोज को आयोरी नागरी…
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