कागको कपूर अवरो मर्कट को भूषण जइसे
कागको कपूर अवरो मर्कट को भूषण जइसे बहिरे को गीत जइसे गूंगे को फारसी। मूरख…
Read Moreकागको कपूर अवरो मर्कट को भूषण जइसे बहिरे को गीत जइसे गूंगे को फारसी। मूरख…
Read Moreकहाँ मिलिहें मोरा अवध बिहारी हो। खानपान कछु नीको ना लागे तनम न दसा बिसारी…
Read Moreजेठ बइसाखवा के तलफी भुभुरिया ए ननदिया मोरी रे, चलत में पउआँ पिराय ए ननदिया…
Read Moreमाया के नगरिया में लागल बा बजरिया ऐ सोहागिन सुनऽ। चीझवा बिकाला अनमोल ए सोहगिन…
Read Moreअलख निरंजन प्रभु हो तू ही दुखभंजन नीको लागे गंगा तोहरी ल रघुनन्दन हो तू…
Read Moreभजु मन राम नाम उदार। चार दिन के जिन्दगानी झूठ है संसार। हँसत खेलत दिन…
Read Moreचाहे हमें झिझकारि दुराइए चाहे हमें लेलकारि डेरावो। चाहे जू मारिए पीटिए जू चाहे लछुमन…
Read Moreअइले गरमी के हो महीनवाँ साइत सोच द हो बभनवाँ कि कहिया मिलनवाँ होइहे ना।…
Read Moreधोबी से धोबी नहीं लेत हैं धुलाई नाथ नाई से नाई ना मजूरी के लिवैंया…
Read Moreऐ रे दगाबाज छटा देखु रघुनंदन को नाहक लगाते दोष त्रिभुवन के स्वामी में। रसना…
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