चढ़ली जवनिया भइली जिउआ के जंजाल ए परदेसी सइयाँ।
चढ़ली जवनिया भइली जिउआ के जंजाल ए परदेसी सइयाँ। ऊतऽ फँसि गइलें कूबड़ों के जाल…
Read Moreचढ़ली जवनिया भइली जिउआ के जंजाल ए परदेसी सइयाँ। ऊतऽ फँसि गइलें कूबड़ों के जाल…
Read Moreतोरे से बचन मैं तो हारी बालमा। तोहरी साँवरी सुरतिया पर बारी बालमा। जो तुहूँ…
Read Moreसूतल में रहनी सखिया देखनी सपनवाँ मधुबनवाँ से कान्हाँ मोरा आवेलें हो लाल। कइसे तुहूँ…
Read Moreस्याम-स्याम रटते-रटते पीयर भइलें देहिया ए मोरा उधो बाबा स्याम भइलें डूमरी के फूल ए…
Read Moreबन के गोदनहरी कान्हा चललें जहँवा रहली राधा गउआँ में घूमि के कहे नन्द के…
Read Moreआहो कान्हा ई का कइलऽ, आ हो कान्हा ई का कइलऽ। भूलि गइलऽ बचपन की…
Read Moreऊधो स्याम करे निठुराई हमसे प्रीत लगाई ना। प्रीत लगाई ना हो हमसे प्रीत लगाई…
Read Moreमोरा घरे अइलें हो दशरथ के लाल। पलकन से पग झारूँ हो दशरथ के लाल।…
Read Moreपिया मोरा गइलें रामा पूरबी बनिजिया से दे के गइलें ना। एगो सुगना खेलवना रामा…
Read Moreलाजो ना लागे स्याम गइलऽ मधुबनवाँ से काहे के पिरीतिया लगवलऽ हो स्याम। हमनी के…
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