चम्पा की चमक चारू केतकी कमाल करे
चम्पा की चमक चारू केतकी कमाल करे चोटिन में गुलाब गूंथे अधर ललाई है। मेंहदी…
Read Moreचम्पा की चमक चारू केतकी कमाल करे चोटिन में गुलाब गूंथे अधर ललाई है। मेंहदी…
Read Moreलागी रे बालेपन से नजरिया हो। जब से लगी मोहे चैन ना आवे चितवत मारी…
Read Moreचपला सी चमक चारू सुन्दर सोहावन स्याम राम अभिराम कोटि काम छवि वारे हैं। गोर-गोर…
Read Moreकब मिलिहें पियवा हमार निरमोहिया रे, कब मिहें पियवा हमार। बइठल करीं हम मन मे…
Read Moreसपना में देखलीं सखिया स्याम के अवनवाँ ए सहेलिया मोरी रे। नाहीं अइलें स्याम हमार…
Read Moreसूतल सेजरिया सखिया देखेली सपनवाँ निरमोही कान्हा बंसिया बजावेलें हो लाल। सब सखी मिली जुली…
Read Moreकींधौ वह देस में सनेस ही मिलत नाहीं कीधौं प्राण प्यारे वो हमारे कुछ रीस…
Read Moreपपीहा रे पीऊ की बोली ना सुनाव। मेरो पिया परदेस गए हैं ओही देस में…
Read Moreबदरा क्यों गरजे घनघोर सजनवाँ अइलें नाही मोर। कोयल कुहुके ऐ सखी, करे पपीहरा शोर।…
Read Moreहे कचनार कदंब अनार रसाल तमाल गुलाल सुपारी। अमला अमरूध के चूत सभे ओलतान वितान…
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