राजा के कुमार सभ तो निपट सुकुमार दोऊ
राजा के कुमार सभ तो निपट सुकुमार दोऊ आज लौं न देखे सोई आज देखलाऊ…
Read Moreराजा के कुमार सभ तो निपट सुकुमार दोऊ आज लौं न देखे सोई आज देखलाऊ…
Read Moreहरित नव पल्लव द्रुम डोलत है बार-बार, विविध बयार खूब फूल की बहार है। बने…
Read Moreखिरनी खैर गौर से देखो जामुन की सुम्मार नहीं। कोठा सेमर डूंगर गूलर पाकर पीपर…
Read Moreनिठुर कन्हैया मोरा सूध बिसरवलें से देखहूँ के भइलें सपनवाँ हो लाल। अँगुरी जे धई-धई…
Read Moreफाटल-फाटल बँसवा के बंसिया बनवलें से पोर-पोर। विस भरली बँसुरिया कि पोर-पोर। जा दिन से…
Read Moreसाँझ ओ विहान हम तो स्याम मुख हेरत हैं तबहूँ नदान मोरी सुध बिसरायो री।…
Read Moreलटपटात गिरत जात धाय-धाय शिथिल गात, जात-पाँत कुल की बात बाँसुरी भुलायो री। बिन्दु श्रम…
Read Moreमधुबनवाँ से मोर कान्हा अइहे कि दू ना। साँवली सुरतिया फेर देखइहे कि दू ना।…
Read Moreदेखहूँ के भइले सपनवाँ हो मोरा स्याम सुन्दर के। कुबरी से प्रीत कइलें हमनी के…
Read Moreमैं कैसे ऊधो जोगिन भेस बनइहों। कर कंगन को काह करूँ मैं वेनी शीश दुरैहों।…
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