आ हो सुनु सजनी पिया बिना भइलें मन थोर।
आ हो सुनु सजनी पिया बिना भइलें मन थोर। दिन नाहीं चैन रैन नाहीं निंदियया…
Read Moreआ हो सुनु सजनी पिया बिना भइलें मन थोर। दिन नाहीं चैन रैन नाहीं निंदियया…
Read Moreसून कह के गइलऽ श्याम हमरी भवनवाँ, निरमोहिया भइल ए साँवरू। तोहरो बतिया मतिया के…
Read Moreपटना से बैदा बोलाई दऽ, नजरा गइली गुईयाँ। छोटकी ननदिया बनेली सवतिनियाँ। ननदो के गवान…
Read Moreदेखो सउदा हमारे हो राजकुमार। अगरा गगरा बहुत बनाए थारी टोंटीदार। चिलम चिलमची कौन बतावे…
Read Moreबैठी विधुबदनी कृशोदरी दरी के बीच चोटिन को खींच-खींच तिरछी निहारती। कोई पानदान पिकदान लिए…
Read Moreसुन्दर सोहावन वस्तु जितने हैं जनकपुर के चौहट बाजार प्यारे तुम को दिखलाऊँ मैं। नैन…
Read Moreठाढे़ पिक बयनी मृग नयनी लिये सुमन माल, ले लो नृपलाल बाल उमिर तिहारी है।…
Read Moreले लो प्यारे फूल हमारे जरा लिहाज नहीं कीजै। केवड़ा जूही कुसुम मालती चंपा के…
Read Moreचन्द्रमा बेचारे लज्जित होते बाटिका देख, भानु कुछ देर ठाढ़ रोज ही निहारे हैं। त्रिभुवन…
Read Moreधानी आसमानी खाकसाही ओ जंगली स्वेत, हरित नील पीत रंग फूलों की बहार है। हासी…
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