मोरा उमके जोबनवाँ सजनवाँ नादान।
मोरा उमके जोबनवाँ सजनवाँ नादान। निहुरी-निहुरी हम अँगना बहरली से देवरा निगोरा निरखे साँझ ओ…
Read Moreमोरा उमके जोबनवाँ सजनवाँ नादान। निहुरी-निहुरी हम अँगना बहरली से देवरा निगोरा निरखे साँझ ओ…
Read Moreफूलि रह चम्पा द्रुम कुसुम कमाल करे, फूलत रसाल नन्द लाल नहिं आवे री। अब…
Read Moreकोहबर में अइलें राम इहो चारो भइया आ हो सँवरियो लाल। मँड़वा भइलें उजियार। सोने…
Read Moreघूमि फिरी अइले राम हमरी अंगनवा से जिया मानेना बिना देख रे सजनवाँ से जिया…
Read Moreभई है निहाल नृपलाला को देखि सीया एक टक लाई रही प्रेम रस भीना है।…
Read Moreकिंकिनी के शब्द मुझे घायल सी करत आज नुपूर आवाज मेरो बरबस मन लेता है।…
Read Moreएक दिन रहलें राम जी हमनीं के खेलनवा अब होइहें डूमरी के फूल नू रे…
Read Moreजहिया से पिया मोरा तेजलें भवनवाँ से सपनवाँ भइलें ना। रस भरल बचनवाँ से सपनवाँ…
Read Moreमैं कैसे होरी खेलूँ राम श्याम करे बरजोरी। अबीर गुलाल गाल में लावत धरी बहियाँ…
Read Moreतोतई बादामी लाल सबुजी सुरंग रंग, सुन्दर गुलाबी सारी जड़कसी किनारी है। नुपुर पाँवजेब छारा…
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